अमृता प्रीतम का जन्मदिन क्या आया ढेरों ब्लॉगों पर अमृता प्रीतम की कविताएं पैरोडियों सहित उग आईं. मुझे याद नहीं कि उनमें से कोई ब्लॉग पुरूष का भी रहा हो, अलबत्ता सभी ब्लॉग कवयित्रियों के ही देखने को मिले.
मुझे अमृता प्रीतम या उनके लेखन के प्रति कोई दुराग्रह नहीं रहा पर हां, ट्रकों के पीछे लिखी शेरोशायरी टाइप कविताऐं उगलने वाली उन अधेड़ कवयित्रियों के लिए यह वैलेंटाइन डे सा दिखा.
अमृता प्रीतम ने अपना पति छोड़ा और लिव इन रिलेशनशिप अपनाई शायद अपने समय से आगे थीं वे.. और, रोने-धोने वाली रचनाएं लिखीं जिन्हें लोग संवेदनशील रचनाएं बताते हैं.
आज हालत ये है कि जो दुखी महिलएं दोयम दर्जे का स्पाया सा लिखती हैं वे खुद को अमृता प्रीतम की चेलियां बताती घूमती हैं. उनकी तथाकथित कविताएं पढ़ कर लगता है कि वे मज़बूरी में अपने-अपने पतियों के साथ रह रही है. कविताओं में तो अमृता प्रीतम का वे क्या ही मुक़ाबला करेंगी लेकिन हां, ये ज़रूर लगता है कि किसी और के साथ न रह पाने की भड़ास ज़रूर वो अमृता प्रीतम की आड़ में निकाल लेती हैं.
मुझे अमृता प्रीतम या उनके लेखन के प्रति कोई दुराग्रह नहीं रहा पर हां, ट्रकों के पीछे लिखी शेरोशायरी टाइप कविताऐं उगलने वाली उन अधेड़ कवयित्रियों के लिए यह वैलेंटाइन डे सा दिखा.
अमृता प्रीतम ने अपना पति छोड़ा और लिव इन रिलेशनशिप अपनाई शायद अपने समय से आगे थीं वे.. और, रोने-धोने वाली रचनाएं लिखीं जिन्हें लोग संवेदनशील रचनाएं बताते हैं.
आज हालत ये है कि जो दुखी महिलएं दोयम दर्जे का स्पाया सा लिखती हैं वे खुद को अमृता प्रीतम की चेलियां बताती घूमती हैं. उनकी तथाकथित कविताएं पढ़ कर लगता है कि वे मज़बूरी में अपने-अपने पतियों के साथ रह रही है. कविताओं में तो अमृता प्रीतम का वे क्या ही मुक़ाबला करेंगी लेकिन हां, ये ज़रूर लगता है कि किसी और के साथ न रह पाने की भड़ास ज़रूर वो अमृता प्रीतम की आड़ में निकाल लेती हैं.