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सूखा पड़ता है तो हम लाओ-लाओ चिल्लाते हैं, बाढ़ आती है तो बचाओ-बचाओ. लेकिन हम सीखने से तब तक इन्कार करते रहते हैं जब तक कोई और चारा ही न बचे. अब ऊपर के समाचार को ही देख लीजिए, देश में हर जगह पानी का कमोवेश यही हाल है पर हम Rain Water Harvesting से आंखें चुराए बैठे हैं....नि:संदेह हम डंडे की इंताज़ार में हैं.
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Rain Water Harvesting जैसे अनिवार्य कार्य पर अगर अब भी ध्यान न दिया गया तो भयावह परिणाम जल्द ही सामने होंगे.
ReplyDeleteram lal ji aap ki bat theek hai
ReplyDeletepls aap mujhe apni mail id de main aap se is mudde par detail main bat karna chahta hu ye zaroori hai