15 अगस्त को लाल क़िले से प्रधान मंत्री के भाषण के समय जो लोग वहां होते हैं वे हैं:- सरकार के लोग और सरकारी कर्मचारी, विदेशी राजनयिक व स्कूलों के बच्चे. इनमें से कोई भी अपनी मर्ज़ी से खुशी-खुशी सुबह साढ़े 6 बजे लाल क़िले नहीं पहुंचा होता.
अब आज, जब आम आदमी किसी प्रधानमंत्री का भाषण सुनने अपने आप जाता ही नहीं तो क्यों ये जंबूरी चालू रखी जा रही है. सबसे बड़ी बात, इससे वोट भी नहीं मिलते.
sateek post.....
ReplyDeletekahan ka raja kaisa raja
yaad raha to kal is vishay par doha doonga...
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
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