यदि पाकिस्तान आतंकवाद को यूं पनाह न देता तो आज भी दूसरे देशों की टीमें क्रिकेट खेलने पाकिस्तान आया करतीं. जिसके चलते निश्चय ही क्रिकेट व इसके खिलाड़ियों को आर्थिक लाभ मिलता रहता.
लेकिन इसके अभाव में आज, पाकिस्तानी खिलाड़ी जब कभी भी कोई इक्का-दुक्का मैच खेलने बाहर जाते हैं तो उनका एक ही उद्देश्य होता है कि कैसे ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमाया जाए... मैच फ़िक्सिंग सबसे आसान रास्ता है.
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एकदम सटीक लिखा आपने...
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'शब्द सृजन की ओर' में 'साहित्य की अनुपम दीप शिखा : अमृता प्रीतम" (आज जन्म-तिथि पर)