ज्ञान जी ने जो समझा वह लिखा. (अपने विचार अभिव्यक्त करने का अधिकार हम सभी को है भी.) उनकी भाषा में न तो कहीं कोई दुराग्रह/पूर्वाग्रह मैंने पाया. न ही, उनकी भाषा में कोई अभद्रता है. अलबत्ता, उनकी पोस्ट में, जहां एक ओर शुक्ल जी के लिए बड़े भाई का सा निहित अधिकार झलकता है वहीं इस लेख में समीर जी के लिए कोई ऐसी बात नहीं दिखी कि वे उनका अपमान करना चाहते थे.
जवाब में शुक्ल जी ने एक बेहतरीन परिपक्व (वे भाषा के धनी हैं) पोस्ट लिखी है. हां, समीर जी अपनी पोस्ट में आहत ज़रूर दिखे पर उन्होंने भी अपना बड़प्पन नहीं खोया, उनकी भाषा की शालीनता में उनका कवि साफ झलकता है.
इस बीच, बहती गंगा में हाथ धोने निकले ढेरों कुकुरमुत्ते जहां तहां दिखाई देने लगे, संभ्रांत भाषा की सारी हदें लांघ, एक से एक ओछे वक्तव्य देते हुए. यद्यपि कई मित्रों ने, मित्रधर्मसम्मत, किसी भी बात को तूल न देने की अनुनय अवश्य की, यह पढ़कर अच्छा लगा.
हिन्दीधर्मियों को अभी दिल बड़ा करने का गुण सीखने में समय लगेगा. मैं इन तीनों की व्यक्तिगत विचाराभिव्यक्ति का समान आदर करता हूं व मुझे इनके बीच कोई अंतर नहीं लगता. हम में दूसरों के विचारों के आदर का माद्दा होना ही चाहिये. पर, शायद हम हिन्दीभाषी बहसों के बिना रह ही नहीं सकते (हो सकता है हम इसे कमज़ोरी के बजाय ताक़त समझते हैं) .
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बहुत बड़ी गलती कर दी आपने यह पोस्ट लिख कर.
ReplyDeleteअभी कोई छुट्टे सांड की तरह आएगा आपकी ऐसी-तैसी करने के लिए.
आपके बुरे दिन आज से शुरू हो गए हैं.
आइए रामलाल जी एक आपकी ही कमी बच गई थी.
ReplyDeleteहम भी बाहर ही थे लेकिन पढ़कर तो यही लग रहा है कि ज्ञानदद गलत आदमी है.हां शुक्ला साहब को मैं बहुत पहले से जानता हूं. उनसे लगभग एक घंटा पहले ही फोन पर बात हुई है वे ब्लागिग छोड़ना चाह रहे हैं। उनका छोड़कर जाना ही अच्छा होगा। अब देखिए वे कितने कायम रह पाते हैं।
रामलाल सर, आपने बहुत ही सुंदर पोस्ट लिखी है। आदर्णिय जानजी एवम अनूपजी के समकक्ष ब्लागर ना तो कोई था और नाही कोई है} भविष्य का हम कुछ कह नही सकते।
ReplyDeleteज्ञानजी ने असली बात कह दी तो चमचों को मिर्ची लग गई और बखेडा खडा होगया. पर असलियत तो असलियत ही रहेगी। आपको बहुत साधुवाद इस सत्य का पक्ष लेती हुई पोस्ट लिखने के लिये।
समीर को अभी उन दोनों के नजदीक पहूंचने मे समय लगेगा, पर वो भी लेखन मे कमजोर है शायद भविष्य मे उन दोनों की ऊंचाईया ना भी छू पाये तब भी अच्छा ऊपर जायेगा.
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ReplyDelete...सभी से आग्रह है कि अंड-संड लिखना बंद कर विवाद को सुलझाने/शांत करने का प्रयास करें ....!!!
ReplyDeleteयही तो असली मुश्किल है कि असल में तो ,उन्हें कुछ भी नहीं हुआ है , बांकी सब हलकान हो लिए । चलिए अब आगे बढते हैं ............
ReplyDeleteकौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
ReplyDeleteपुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा
धन्य हो ब्लॉगर्स।
ReplyDeleteकैसे लिखेगें प्रेमपत्र 72 साल के भूखे प्रहलाद जानी।
कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
ReplyDeleteपुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
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3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा