राम लाल री राम राम जी,

Tuesday, March 9, 2010

महिला आरक्षण की एक लघुकथा

नेता जी नींद से हड़बड़ा कर उठ बैठे - "जानती हो मैंने अभी सपने में देखा कि मेरी लाल बत्ती की कार में तुम पिछली सीट पर बैठी हो और मैं, आगे ड्राइवर के बगल में "

पत्नी -"इत्ता काहे डरते हो जी, ये तो सोचो कि कार तो हमारे अपने ही घर में रही न.  और फिर तुम चाहो तो मैं तो आपको ड्राइवर ही की सीट में बिठा दूंगी जी ..हे ..हे..हे."

नेता जी को कुछ समझ नहीं आया. बस, सोचते हुए फिर से सोने की कोशिश करने लगे.
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1 comment:

  1. यही होता है, लेकिन इसमें भी क्या बुराई है.

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रेडि‍यो टीवी से दुनि‍या का पता चलता रहता है. कभी कभी अख़बार मि‍ल जाता है तो वो भी पढ़ लेता हूं.